१. मैं उम्र का लिहाज़ नहीं कर पाता, कई बार वरिष्ठों की बात भी नज़रअंदाज़ कर जाता हूँ, कभी छोटों को भी पूरी गंभीरता से ले लेता हूँ।
२. मैं लेन-देन में संतुलित नहीं हूँ,किसी के लिए उससे कुछ पाये बिना, केवल कुछ करके भी संतोष मिल जाता है, तो किसी से कुछ पाकर भी उसके प्रति सहानुभूति नहीं जागती।
३.नए से ज़्यादा पुराने कपड़े आरामदायक लगते हैं। कई बार मेरे नए कपड़े वर्षों तक बिना पहने रखे रह जाते हैं।
४. महिलाओं को बहुत ज़्यादा सम्मान देने का कायल हूँ [मेरे एक वरिष्ठ अधिकारी कहा करते थे कि ये महिलाओं की क्षमताओं को कम आँकने की प्रवृत्ति है]
५. लोगों के गुणों की अपेक्षा उनके व्यक्तित्व [शारीरिक सौंदर्य] से ज़्यादा प्रभावित हो जाता हूँ।
६.नए लोगों से मिलना, नए काम शुरू करना, नयी बातें सोचना ज़्यादा सुहाता है। पुरानों से निभाने में कच्चा हूँ।क्रिकेट की भाषा में कहूँ तो "ओपनिंग" पर खेलना भाता है।
७. उधार लेने या देने में विश्वास नहीं है। ले तो फिर भी लेता हूँ, क्योंकि लौटाने के प्रति दृढ़ता से सजग रहता हूँ। पर किसी को उधार देने में संकोच होता है।
८. गंदगी की मेरी परिभाषा अनोखी है, कई ऐसी चीज़ों से भी घृणा होती है जिन्हें दूसरे लोग आसानी से सह लेते हैं, कई ऐसी चीज़ों को सामान्य मान लेता हूँ, दूसरे जिनसे परहेज़ करते हैं।
९. किसी के प्रति मन में ही सोच कर धारणा बना लेता हूँ। कई बार ऐसी धारणा बाद में निर्मूल साबित हुई है।
१०.जोखिम के काम अच्छे नहीं लगते,स्वार्थी भी हूँ।